75वें स्वतंत्रता दिवस पर उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा का संबोधन

♾️
0

 


मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

1.  आप सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्तमान पीढी को खुली हवा में सांस लेने के लिए प्रबल संघर्ष किया और इस मिट्टी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे सभी महान देशभक्तों को हम आज नमन करतें हैं। हम जम्मू कश्मीर के उन महान सपूतों को भी नमन करते हैं, जिनके बलिदान के कारण आज जम्मू कश्मीर सुरक्षित है

12 मार्च को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा था, आजादी का अमृत महोत्सव यानि नए विचारों का अमृत। 2021 की आजादी का जश्न जम्मू कश्मीर तथा पूरे भारतवर्ष के लिए खास है, क्योंकि आज का उत्सव, आज का संकल्प और आज की नई पीढ़ी की ऊर्जा 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने का आधार बनेगी। हमारी रिवायात में 75वाँ वर्ष मार्गदर्शन का वक्त माना जाता है। हमने अतीत में क्या हासिल किया और आने वाले 25 वर्षों में जम्मू कश्मीर को किस बुलंदी पर पहुंचाना है, उसके लिए आज नए संकल्प का दिन है। गत वर्ष आज ही के पवित्र अवसर पर मैंने श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के- इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत के आदर्श को आपसे साझा किया था। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हम आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा कर रहें हैं। जमीनी स्तर की जम्हूरियत को मजबूत किया गया है,  और कश्मीरियत की भावना यानि सभी धर्मों, सभी पंथों को प्रेम और एकता के सूत्र में बांधकर हम नई उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।

2.  जम्मू कश्मीर में अमन और भाईचारा कायम करना हमारी प्राथमिकता है। तरक्की के फूल मुहब्बत की जमीन में ही खिलतें हैं। इस  पीर वर की मिट्टी ने हमेशा ‘वहादत अल वूजुद’, अस्तित्व की एकता की बात की है। शंकराचार्य मंदिर से लेकर हजरत बल तक सभी धर्म, सभी पंथ के नाद आज सुनाई पड़ते हैं। और लल देद के शब्द इसका बखूबी वर्णन करतें हैं-

दीववटा देहवर वटा,

पेठ बोन छुय इको वाठ।

चाहे सगुण की उपासना हो, या फिर निर्गुण भक्ति हो, परमात्मा एक है, और कण-कण में विद्यमान है।

3.   रघुनन्दन शर्मा ने अपने संस्कृत काव्य संग्रह 'प्राकृत कश्मीरम्' में लिखा है- “विरमती न तथापि प्राप्य वाच्यं विवक्षा—-कहाँ तो गगन के समान कश्मीर की विशालता और कहाँ एक छोटे से पखेरू के बच्चे जैसी मेरी उड़ान।

प्रकृति ने जम्मू कश्मीर को बहुमूल्य वरदान दिए हैं। लेकिन यह मात्र भौगोलिक खूबसूरती नहीं है। इसमे सूफी संतों, ऋषि-मुनियों की तपस्या की ताप भी है, और इंसानियत तथा नव जागरण की गूंज भी है। चिनार और देवदार के पेड़ों से नुंद ऋषि के अल्फाज उतरते हैं, तो ऊंचे-ऊंचे बर्फ से ढके शिखरों से हब्बा खातून और लल्लेश्वरी की आवाज सुनाई पड़ती है।

जम्मू कश्मीर के साथ हिंदुस्तान की आत्मा जुड़ी है। वितस्ता से गंगा तक, लाल किले से लाल चौक तक सभी मिलकर, हमदम, हरकदम बनकर चलें, यही 75वें आजादी के जश्न का संदेश है

खुद को मनवाने का,

मुझको भी हुनर आता है,

मैं वह कतरा हूँ,

समंदर मेरे घर आता है।

4.   मैं आज आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्सेस तथा जम्मू कश्मीर पुलिस के बहादुर सिपाहियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिन्होंने अपने अद्भुत पराक्रम, शौर्य तथा बलिदान से भारत की एकता, अखंडता को अक्षुण्ण रखा है। मैं विशेष रूप से जम्मू कश्मीर पुलिस को बधाई देना चाहता हूँ। मुझे गर्व है स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र सहित 257 वीरता पुरस्कार जम्मू कश्मीर पुलिस को प्राप्त हुए हैं। मैं सभी वीरों को सलाम करता हूँ। जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दे दिया, उनके परिवार वालों को भी नमन करता हूँ। हमने निर्णय लिया है कि  स्वतंत्रता सेनानियों, बहादुर जवानों तथा जम्मू कश्मीर की तरक्की में अमूल्य योगदान देने वाली विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों की स्मृति से विविध स्थानों एवं संस्थानों को अविस्मरणीय बनाया जाएगा।  इससे आने वाली पीढ़ी को उनका योग्य उत्तराधिकारी बनने की प्रेरणा मिलेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है, आजादी के इस अमृत के लिए जिन्होंने त्याग किया है, उनकी कहानियाँ जम्मू कश्मीर में नई आत्म-शक्ति को जागृत करेंगी। मकबूल शेरवानी, ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह, डिप्टी एसपी अयूब पंडित, माली बेगम, इंस्पेक्टर अरशद खान, सब इन्स्पेक्टर अल्ताफ अहमद, गुलाम मोहम्मद सादिक, लासा कौल, कांता वजीर, सर्वानन्द कौल प्रेमी, दीनानाथ आदिम, कांस्टेबल यासीन तेली, लेफ्टिनेन्ट उमर फ़याज, मोहम्मद दीन जागीर, श्री पंजाब सिंह जी, श्रीमती पद्मा सचदेव, महमूदा शाह, डिप्टी एसपी अमन ठाकुर, डिप्टी एसपी मंजीत सिंह और ऐसे तमाम लोगों की स्मृति को आने वाले दिनों में पुनर्जीवित किया जाएगा।

5.  प्यारे भाइयों और बहनों, उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखते हुए यह वक्त दशकों पुराने जख्मों पर मरहम लगाने का भी है। प्रशासन ने निर्णय लिया है, जिन लोगों की संपत्तियाँ अवैध ढंग से, दवाब मे खरीदी या अतिक्रमण की गई हैं, उन परिवारों को वैधानिक तरीके से न्याय दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मैं अवाम के सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूँ, इस प्रयास में प्रशासन का साथ देकर भाईचारे की एक नई मिसाल विश्व के सामने रखें।

6.  हम सभी नागरिकों को भरोसा देना चाहते हैं, इस देश के अंदर एवं बाहर जो भी लोग छद्म युद्ध के सहारे युवाओं को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनकों मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। पड़ोसी मुल्क जो अपने अवाम की चिंता नहीं करता वह हमारे कुछ बच्चों को भड़काने का कुत्सित प्रयास करता रहा है।

हमारे देश की व्यवस्था ने माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला, गूगल सीईओ सुंदर पिचई, पालो आल्टो के सीईओ निकेश अरोरा, अडोब के सीईओ शांतनु नारायण, नोकिया के सीईओ राजीव सूरी जैसी प्रतिभाओं को जन्म दिया। लेकिन पड़ोसी मुल्क, जो एक दिन हमसे पहले राष्ट्र के रूप में जन्मा था वह किस तरह के खौफनाक टैलेंट पैदा कर रहा है, आप सभी उससे वाकिफ है। इसलिए मैं ऐसे भटके नौजवानों का आह्वाहन करता हूँ, कि आतंकवाद पूरे विश्व में शांति और विकास के लिए अभिशाप है। आपको अमन और तरक्की के रास्ते से गुमराह कर, इस मुकद्दस मिट्टी में मान-सम्मान की जिंदगी जीने से वंचित किया जा रहा है। आपको दूसरा सत्या नडेला और सुंदर पिचई बनने से एक साजिश के तहत रोका जा रहा है। 2019 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जम्मू कश्मीर के काल के कपाल पर एक नए युग को अंकित किया था। आपकी क्षमता, ऊर्जा एवं अप्रतिम धैर्य से अब इसके भविष्य को स्वर्णिम बनाया जाएगा। आजादी के 75वें वर्ष के चार संकल्प - जन भागीदारी की ताकत, समृद्ध इतिहास की जमीन पर नए जम्मू कश्मीर का निर्माण, सभी के लिए समान अवसर एवं तकनीकी विकास- में युवा शक्ति के सहयोग से हम पूरे जम्मू कश्मीर को फिर से शालामार गुलशन की तरह खिलाएंगे।

7.  मैं आज आत्मविश्वास से भरे जम्मू कश्मीर को संबोधित करते हुए कहना चाहता हूँ, कोरोना की दो-दो लहर के बावजूद हमने पिछले साल 13,357 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। जन भागीदारी, पारदर्शी, उत्तरदायी, न्यायसंगत और समावेशी गवर्नेंस के आदर्शों से लोक कल्याण की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जा रहें हैं।

8.  पिछले एक साल में हमने जो निर्णय लिए हैं, उसमें अवाम के सभी वर्गों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जिन क्षेत्रों को आजादी के बाद से पिछड़ा रखा गया था, उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। 2019 के बाद जिन नीतियों को जमीन पर कार्यान्वित किया गया है, उससे बाल्मीकि समाज, आदिवासी, गुरखा समाज, जम्मू कश्मीर की बेटियों, वेस्ट पाकिस्तानी शरणार्थी तथा पिछड़े वर्ग को तारीख में पहली बार सामाजिक न्याय मिला है। जम्मू कश्मीर की नारी शक्ति को उसका प्राचीन गौरव तथा अधिकार दिलाने के लिए हमने आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक क्षेत्रों में अनगिनत योजनाएं शुरू की हैं। धर्म, जाति, वर्ग से ऊपर उठकर सभी को बेहतर जीवन जीने के अवसर प्रदान किए जा रहें हैं। युवा शक्ति की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति की संभावनाओं के अनंत द्वार खोल दिए गए हैं। आम आदमी के जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं, बिजनेस, शिक्षा, इंडस्ट्री, विज्ञान, कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में पिछले एक साल की उलब्धियाँ और प्रतिदिन अखबारों की बदलती हुई सुर्खियां पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत हैं

9.   अतीत की खताओं को सुधारना वर्तमान की जिम्मेदारी है। इसलिए भेदभाव मिटाकर सामाजिक न्याय एवं समता का शासन स्थापित किया गया है। वाल्मीकि समुदाय की एक पढ़ी लिखी बेटी राधिका गिल का हृदय विदारक वीडियो नवंबर 2018 में मैंने स्वयं देखा था। प्रतिभा का गला प्रतिबंधों से घोंटा गया था। नए Land Laws को भी लेकर कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहें है। मैं आपको बताना चाहता हूँ, रिग्रेसिव भूमि कानूनों में किसानों की तरक्की के लिए बदलाव किए गए है, क्योंकि उन्हे सेब का ऑर्चर्ड लगाने तथा काटने के लिए भी परमिशन की जरूरत पड़ती थी। एक किसान जिसकी खेती 4 कनाल से कम थी, वह हाई डेंसीटि प्लांटेशन नहीं कर सकता था। इन सब विसंगतियों को दूर करके कृषि पर निर्भर 70 फीसदी अवाम के जीवन स्तर को सुधारने के लिए विकास की एक नई आधारशिला रखी गयी है।

10.   प्यारे भाइयों और बहनों, “ये जब्र भी देखा है तारीख की नजरों ने, लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई”।

तारीख के चुभते दर्द को मिटाया तो नहीं जा सकता लेकिन उसकी तासीर जरूर कम की जा सकती है। हाइड्रोपावर में 20,000 मेगावाट की क्षमता के बावजूद आजादी के सात दशकों तक सिर्फ 3500 मेगावाट बिजली ही पैदा की जा सकी थी। लेकिन मात्र दो वर्षों में 3400 मेगावाट प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति दी गई है और सात दशकों के कसूर को अगले पाँच वर्षों में इसलाह करने की कोशिश की जाएगी।

11.   बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर जर्जर था। प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज की मदद से उन्हे सुधारा जा रहा है और उन्ही प्रयासों का परिणाम था कि कश्मीर घाटी में इस साल लोगों ने बर्फ और बिजली एक साथ देखी। सावलकोट पावर प्रोजेक्ट 1984 में शुरू होना था। उसे अब हम पूरा कर रहें हैं। इसी तरह उरी-II तथा दुलहस्ती-II पावर प्रोजेक्ट क्रमशः 1985 और 1989 में शुरू होने थे, उसे भी हम पूरा कर रहें हैं। इसी प्रकार अनेकों ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट जैसे हीरानगर-मनवाल, डेलिना जो एक दशक पहले पूरे हो जाने चाहिए थे, अब कंप्लीट किए गए हैं। हम हर साल 6,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली खरीदते हैं, लेकिन उसके एवज में मात्र 2,600 करोड़ रुपये का रिवेन्यू अर्जित कर पाते हैं। इसलिए मैं सभी नागरिकों से भी अनुरोध करूंगा कि अधिकारों के साथ हमें अपने कर्तव्यों का भी ध्यान रखना है और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाना है।

12.   प्यारे भाइयों और बहनों, यूटी में स्वास्थ्य सुविधाओं को मॉडर्न बनाने के लिए 2020 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने हेल्थ सेक्टर को 1268 करोड़ रुपये दिए थे, जो 2019 के मुकाबले 500 करोड़ रुपये ज्यादा था। इस साल यह आंकड़ा 1456 करोड़ रुपये पहुँच गया है। हमने हेल्थ सेक्टर में जिस स्पीड और स्केल पर काम किया है, वह अब उपलब्धियों में नजर आ रहा है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 2015-16 में नवजात शिशु मृत्यु दर 23.1 थी। जो 2019-20 में घटकर सिंगल डिजिट, 9.8 पर आ गई। शिशु मृत्यु दर 2015-16 के सर्वे में 32.4 थी, आज यह घटकर आधी यानि 16.3 हो गई है। अंडर-5 मोर्टलिटी रेट 2015-16 में 37.6 थी जो आज घटकर आधी यानि 18.5 रह गई है।

13.    आजादी के 67 साल बाद भी जम्मू कश्मीर में मात्र तीन मेडिकल कॉलेज थे। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने मार्च 2016 में अनंतनाग, बारामुला तथा राजौरी मेडिकल कॉलेज दिया। जून 2017 में कठुआ और डोडा मेडिकल कॉलेज को स्वीकृति मिली, अक्टूबर 2019 में ऊधमपुर तथा नवंबर 2019 में हंदवारा मेडिकल कॉलेज को स्वीकृत किया गया। कुल मिलाकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 7 नए मेडिकल कॉलेज जम्मू कश्मीर को 2016 से 2019 के बीच दिए थे, जिसमें से 5 शुरू भी हो गए हैं, और ऊधमपुर तथा हंदवारा के मेडिकल कॉलेज को बनाने की प्रक्रिया चल रही है। 2016-17 में पहली बार दो नए AIIMS जम्मू कश्मीर को मिले। जम्मू का पहला बैच शुरू हो गया है, और श्रीनगर के AIIMS की निर्माण प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जायेगी। 2015 से 2019 के बीच में दो स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट जम्मू कश्मीर को दिए गये। 2019 के पहले पूरे जम्मू कश्मीर में मात्र 129 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स थे। दो सालों में 1275 नए हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर बनाये गए हैं। 2019 के पहले कोई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम जम्मू कश्मीर में नहीं थी। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने दिसंबर 2020 में यूटी को आयुष्मान भारत सेहत नाम की स्कीम दी, जिसमे बिना किसी भेदभाव के प्रति परिवार 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा सभी नागरिकों को प्रदान किया जा रहा है। 49 लाख लाभार्थी पंजीकृत हैं और 45.48 लाख गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। पाँच नए नर्सिंग कॉलेज 2016-17 में जम्मू कश्मीर को दिए गए। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के 140 नए और पुराने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2016-17 में प्रधानमंत्री जी ने 881 करोड़ रुपये जम्मू कश्मीर को दिए। पहले सिर्फ 9 डायलिसिस सेंटर्स थे, आज सभी 20 जिलों में यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।

14.  डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत से हमने यह सुनिश्चित किया कि जम्मू कश्मीर में किसी को भी आक्सीजन बेड की  दिक्कत न हो। पिछले साल अगस्त में हमारे सभी अस्पतालों में आक्सीजन जनरेशन कैपेसिटी मात्र 15,000 LPM थी।  6 महीने के भीतर इसे बढ़ाकर 66,000 LPM कर दिया गया और आने वाले दिनों में इसे 90,000 LPM कर दिया जाएगा। समर्पण एवं त्याग की प्रतिमूर्ति हमारे कोरोना वारियर्स के लिए प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है। लेकिन सिर्फ धनराशि उनकी सेवा भावना का सच्चा मोल नहीं है। इस अवसर पर उन्हें प्रणाम करते हुए मैं कहना चाहता हूँ कि पूरा जम्मू कश्मीर आपका ऋणी है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर 50 डॉक्टर्स तथा स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया है। प्रशासन की प्रशस्तियाँ सीमित हो सकती हैं, मगर आपका हौसला नहीं। इसलिए यह जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सभी लोगों को समर्पित है।

15.  वैक्सीनेशन में भी जम्मू कश्मीर पूरे देश में अग्रणी है। 45 वर्ष के ऊपर आयु वर्ग में सभी जिलों में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है। 18 से 44 आयु वर्ग में भी 37% वैक्सीनेशन हो गया है, जो नेशनल एवरेज से कहीं ज्यादा है। जिस प्रकार हमारी महिला स्वास्थ्य-कर्मियों ने 18-20 किलोमीटर पैदल चलकर, दुर्गम तथा बर्फीले इलाकों में लोगों को वैक्सीनेट किया है, वह पूरे देश के सामने एक नई मिसाल है। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न वर्गों के व्यवसायियों को सब्सिडी, रोज कमाने-खाने वालों को वित्तीय सहायता और बकाया राशि की छूट जैसे कुल 83 निर्णय लिए गए हैं, जिससे 40 लाख लोगों को फायदा पहुँचा है। जिन परिवारों ने अपने एकमात्र कमाऊ सदस्य को खोया है, उनके माता-पिता को सक्षम स्कीम के तहत आजीवन पेंशन प्रदान की जा रही है। जिन बच्चों के माता पिता को असमय कोरोना ने हम सबसे छीन लिया, उन बच्चों को स्पेशल स्काँलरशिप दी जा रही है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग का स्पेशल सेल यह सुनिश्चित करेगा की सभी जन कल्याण योजनाओं का लाभ उन तक आजीवन पहुंचे।

16.  प्यारे भाइयों और बहनों, 1947 से अब तक लोगों को साफ पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी। 2019 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जल जीवन मिशन शुरू किया है। अगले साल तक हर घर नल पहुंचाने की कोशिश हो रही है। आज के इस पवित्र दिन पर जम्मू कश्मीर के सभी स्कूल तथा आंगनवाड़ी केंद्रों को पाइप वाटर कनेक्शन से जोड़ दिया गया है, और इस महीने के अंत तक सभी अस्पतालों तक यह सुविधा पहुंचा दी जाएगी। 1979 से लंबित सिंचाई की महत्वपूर्ण शाहपुर कंडी डैम परियोजना आदरणीय प्रधानमंत्री जी के इन्टरवेन्शन से सितंबर 2018 में पटरी पर आ गई और 6 दिसंबर 2018 को इसे नेशनल प्रोजेक्ट घोषित कर दिया गया। उझ मल्टीपरपज़ प्रोजेक्ट 2001 से लटका हुआ था। उसे जनवरी 2019 में शुरू किया गया है। जोजिला टनल अगस्त 2020 में शुरू हुआ। श्रीनगर-लेह कॉरिडोर या Z-मोड़ टनल भी 2020 में पीएमडीपी पैकेज की बदौलत शुरू हुआ है। नई दिल्ली- कटरा- अमृतसर सिक्स लेन (6-Lane) एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है। 2014 तक जम्मू कश्मीर लद्दाख को मिलाकर मात्र 7 नेशनल हाईवे थे। 2021 में यह संख्या बढ़कर 11 हो गई है। 2015 में प्रधानमंत्री जी ने सिर्फ रोड सेक्टर में जम्मू कश्मीर को 40,900 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट दिए थे। 2014 तक जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख को मिलाकर नेशनल हाईवे की लंबाई 1695 किलोमीटर थी। 2014 से 2021 तक 969 किलोमीटर के नए नेशनल हाईवे सिर्फ जम्मू कश्मीर यूटी में घोषित किए गए है। दिसंबर 2022 तक ट्रेन द्वारा कश्मीर, कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा। आजादी के बाद भी 974 गाँव ऐसे थे, जिन्हें रोड से कनेक्ट नहीं किया जा सका था, उसे अब हम पूरा कर रहें हैं। परिवहन, परिवर्तन लाता है। आज की तारीख में पहले से दो-गुना, तीन गुना रफ्तार से सड़कें बन रही हैं, मैक्डमाइजेशन हो रहा है। 2019 में 2290 किलोमीटर रोड का मैक्डमाइजेशन हुआ था, वहीं पिछले साल दुगुना यानि 5136 किलोमीटर मैक्डमाइजेशन किया गया। इस साल 8000 किलोमीटर मैक्डमाइजेशन का लक्ष्य रखा गया है। आज जम्मू कश्मीर रोड निर्माण के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। अभी भी जिन लोगों को विकास की इस नई परिभाषा को समझने में दिक्कत हो रही है, उन्हें आत्म चिंतन करने की जरूरत है।

17.  समाज कल्याण की सभी सेंट्रल स्कीम्स का 100% सैच्योरेशन हो गया है और उसका लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। दिव्यान्गजनों के लिए पहली बार नौकरियों में आरक्षण, एक साल में 8 लाख 88 हजार लोगों को विभिन्न पेंशन एवं 8 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी गई है।

18.  वाजपेयी जी के जम्हूरियत के सिद्धांत को दशकों तक जमीन पर पनपने नहीं दिया गया था। यहाँ लोकतंत्र की एक कलेक्टर साहब की नायाब परंपरा थी, और चार-पाँच क्षेत्रों के MLAs के नोमिनेशन उन्ही के घर पर होते थे। एक जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते थे और एक कलेक्टर साहब के प्रतिनिधि होते थे। लेकिन 2020 की अंतिम बेला में पूरे जम्मू कश्मीर ने डीडीसी के निष्पक्ष, पारदर्शी और हिंसामुक्त चुनावों में भाग लिया और जो चुने हुए लोग हैं, वे कलेक्टर साहब के नहीं बल्कि जनता के नुमाइंदे हैं। इस साल 1271 करोड़ रुपये डीडीसी, बीडीसी एवं पंचायतों को अपने-अपने इलाकों में जनहित के काम करने के लिए दिए गए हैं। जन-भागीदारी की भावना से 12,600 करोड़ रुपये का डिस्ट्रिक्ट कैपेक्स बजट बनाकर जम्मू-कश्मीर की त्रि-स्तरीय पंचायती व्यवस्था ने पूरी दुनिया के सामने जमीनी लोकतंत्र, संबल तथा आत्म-निर्भरता का एक नया उदाहरण पेश किया है। फंड, फ़ंक्शन तथा फंक्शनरीज पंचायती राज संस्थाओं को उपलब्ध कराकर प्रशासन ने लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण अंग को सम्पन्न एवं सुदृढ़ किया है। चूंकि यह नई व्यवस्था है, इसलिए इसे स्थिर और व्यवस्थित होने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा।

19.   आम आदमी का बैंक, आम आदमी की पहुँच से दूर था। हमने उसे गाँव के युवा लड़के-लड़कियों के लिए खोल दिया। आज जम्मू कश्मीर बैंक खुद चलकर लोगों के पास पहुँच रहा है। पारदर्शी तरीके से 1850 भर्तियाँ की गई हैं। फ़ाईनेंसियल प्रूडेन्स, ट्रांसपरेंसी और ज़ीरो टोलरेन्स टू करप्शन की मुहिम जमीन पर रंग दिखा रही है। दो- दो कोरोना लहर के बावजूद हमेशा घाटे में रहने वाला जम्मू कश्मीर बैंक आज की तारीख में 434 करोड़ रुपये के प्रॉफ़िट में है।

20.   हमारा संकल्प है, इस दशक में नए जम्मू कश्मीर का उदय हो और हमारे नौजवान लड़के-लड़कियां इस नए जम्मू कश्मीर के निर्माता हों। इस दशक में कम से कम 10 लाख नौकरियों के अवसर उनकों उपलब्ध कराए जाएंगे। इसलिए हमने एनसीसी कैडेट्स को पुलिस फोर्स की भर्तियों में बोनस मार्क्स देने का भी निर्णय लिया है। पिछले एक साल में जहां 20 हजार युवक-युवतियों को सभी 4290 पंचायतों से इन्टरप्रेन्योर बनाया गया था वही इस साल का लक्ष्य 50 हजार रखा गया है। और मेरी दिली ख्वाहिश है, यह आंकड़ा अगर 2 लाख भी पहुँच जाए तो सभी सुविधाओं को लेकर प्रशासन उनके दरवाजे तक अवश्य पहुंचेगा। हौसला, हिमायत, मुमकिन, परवाज़, उम्मीद, तेजस्विनी, संकल्प जैसे तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से बड़ी मात्रा में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयास हो रहें है। मिशन यूथ के मुमकिन कार्यक्रम के अंतर्गत जीरो मार्जिन मनी पर 2021 युवाओं को स्थायी रोजगार के लिए मिनी-कमर्शियल वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 360 डिग्री फाइनेंशियल सर्विसेस में 5000 युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिए महिलाओं को ट्रेनिंग तथा आर्थिक सहायता प्रदान कर इन्टरप्रेन्योर बनाया जाएगा। परवाज कार्यक्रम युवा लड़के-लड़कियों को सिविल सर्विसेस तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए देश के जाने-माने इंस्टिट्यूट्स द्वारा कोचिंग की व्यवस्था करेगाहौसला कार्यक्रम महिला  इन्टरप्रेन्योर्स को ट्रेनिंग एवं वैश्विक बाजार उपलब्ध कराएगा। हर पंचायत में यूथ क्लब की स्थापना हो गई है, जो खेल, कला, संस्कृति के अलावा, उनके कैरियर में भी मार्गदर्शन करेगा। यूटी की 40 लाख महिलायें सेल्फ हेल्प ग्रुप के उम्मीद कार्यक्रम से जुड़ कर आत्मनिर्भर बन गई है। उन्हें अब तक 910 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है।

21.   प्यारे भाइयों और बहनों, पहले दरबार मूव के समय 200 ट्रक भरकर फ़ाइलें जम्मू से श्रीनगर तथा श्रीनगर से जम्मू जाती थी। और जिस फ़ाइल की जरूरत होती थी, वह फ़ाइल गायब भी हो जाती थीं। अब दोनों सचिवालयों में E-Office के शुरू हो जाने से रेड टेपिज़्म पर भी लगाम लगाया है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकारी कार्यों में JKBEAMS और GFR पूरी तरह से लागू कर दिया गए है। अब यूटी में कोई भी काम बिना टेंडर के नहीं होता। 44 गाँवों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।

22.  प्यारे भाइयो और बहनों, भगवद गीता में लिखा है, यतो धर्मः ततो जयः, यानि जहां धर्म है, वही सुशासन, वही व्यवस्था है, वही विजय है। हमने इसी भावना के साथ इंडस्ट्री-विहीन यूटी में औद्योगिक क्रांति की नई लौ जलाई है। 28,400 करोड़ की नई इंडस्ट्रियल स्कीम से अभी तक 23 हजार 500 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल आ चुके हैं और मार्च 2022 तक 50 हजार करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल आने की संभावना है, जिससे कम से कम 10 लाख युवा लड़के-लड़कियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सिंगल विंडो क्लियरेन्स की व्यवस्था के साथ जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार इंडस्ट्री को ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाएगा ताकि पिछड़े इलाकों का भी समुचित विकास हो सके। प्रशासन ने प्राइवेट इंडस्ट्रीयल एस्टेट डेवलपमेंट का पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिससे प्राइवेट सेक्टर में तीव्र गति से इंडस्ट्रियलाइजेशन होगा। जम्मू तथा श्रीनगर से नाइट फ्लाइट का आँपरेशन शुरू कर दिया गया है। यहाँ के हैंडीक्राफ्ट तथा कॉटेज इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार प्रदान करने एवं कारीगरों तथा किसान भाइयों को उनका हक वापिस दिलाने के लिए 2020 में पॉलिसी बनाकर काम युद्ध-स्तर पर काम शुरू किया गया है।

23.  जम्मू तथा श्रीनगर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। झेलम तथा तवी रिवर फ्रन्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। इंटीग्रेटेड योजना के तहत डल, झेलम तथा वूलर की सफाई पर कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस साल 10,000 करोड़ की लागत से जम्मू तथा श्रीनगर में बहुप्रतीक्षित लाइट रेल मेट्रो का काम शुरू हो जाएगा। 

24.  हार्टिकल्चर, कृषि तथा संबंधित क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में नई क्रांति का जन्म हुआ हैसैफ्रान के किसानों की आय दुगुनी हो गई है। नेफेड अब सैफ्रान को पूरे देश में बेचेगा। फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वर्ष 2021 में हाई डेंसीटि प्लांटेशन योजना शुरू की गई है, जिसका लक्ष्य अगले पाँच सालों में 5500 हेक्टेयर भूमि को उच्च उत्पाद भूमि में परिवर्तित करना है। इस योजना के तहत जम्मू-कश्मीर को सेब, अखरोट और ऐसे अन्य फलों के उत्पादन में मार्केट लीडर बनाने के लिए प्रति लाभार्थी 22 लाख रुपये प्रशासन की तरफ से प्रदान किए जा रहे हैं। पिछले एक साल में डेयरी उद्योग ने अतुलनीय प्रगति की है। आज यूटी 70 लाख लीटर मिल्क का उत्पादन कर रहा है। 15,000 छोटी तथा 800 बड़ी नई डेयरी इकाइयां स्थापित  की जा रहीं हैं। आने वाले कुछ महीनों में हम मिल्क प्रोडक्शन में आत्म निर्भर बन जाएंगे। कोल्ड स्टोरेज की क्षमता में वृद्धि, लैब टू फील्ड की पहल, नई शीप नीति ने किसान भाइयों के सपनों को साकार किया है।   

25.   ट्राइबल समुदाय को उनका हक दिलाने के लिए हम यूटी में पहली बार फॉरेस्ट एक्ट लागू कर रहें हैं। उनके बच्चों के स्कॉलरशिप के लिए 30 करोड़ रुपये, माइग्रेटरी चिल्ड्रन के लिए 1521 सीज़नल स्कूल, माइग्रेटरी रूट पर दो रेसीडेंशियल स्कूल, 7वीं तथा 8वीं कक्षा के बच्चों के लिए 8000 टैबलेट्स एवं अध्यापकों के वेतन को 4,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।

26.  टाटा टेक्नालाँजी की मदद से हम 14 Centers for Invention, Innovation, Incubation एवं Training स्थापित कर रहें हैं। दो ऐसे केंद्र जम्मू तथा बारामुला में शुरू हो गए हैं। 200 करोड़ रुपये इस साल कॉलेजों में स्किल डेवलपमेंट पर खर्च किए जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-एनालिसिस, बायोटेक्नोलॉजी जैसे विषयों के समावेशन से जम्मू कश्मीर तथा सिलिकॉन वैली की दूरी कम की जाएगी। यूटी को नया इनोवेशन हब बनाने के लिए विभिन्न कॉलेजों में 19 रिसर्च एवं 13 इनोवेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं

27.   प्यारे भाइयों और बहनों, कोरोना की दो-दो लहर झेलने के बावजूद इंटीग्रेटेड अप्रोच की बदौलत जम्मू कश्मीर का टूरिज़्म सेक्टर शिखर पर है। सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जुलाई महीने में रेकार्ड दस लाख पचास हजार टूरिस्ट जम्मू कश्मीर आए थे। यूटी के सभी अनएक्सप्लोर्ड लोकेशन एवं यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने तथा प्रमोट करने के लिए भी जमीन पर तेजी से काम किया जा रहा है। 

28.   इसी महीने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर की फिल्म पॉलिसी लांच की गई है। सिनेमा जगत में जम्मू कश्मीर की पूर्व पहचान को वापस लौटाया जाएगा। एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना जुलाई 2020 से जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में शुरू की गई थी। कोरोना की सेकंड वेव के दौरान मई तथा जून में लगभग 2 लाख मेट्रिक टन अनाज का वितरण गरीब परिवारों को किया गया था।  

29.   प्यारे भाइयों और बहनों,  हम जम्मू कश्मीर की एक नई एवं विस्तृत स्पोर्ट्स पॉलिसी पर काम कर रहें है। इन्टरनेशनल स्तर के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी तथा बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को इसके द्वारा आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी जिससे वह अपने कैरियर में आगे तरक्की कर सकें। वर्तमान में जो नियम है उसकी वजह से ऐसे केसेस मुकदमे में उलझे हुए थे और 4-5 सालों से कोई नई भर्ती नहीं हुई थी। अब इस पॉलिसी द्वारा उन अवरोधों को हटाया जायेगा और नौकरियों के साथ-साथ, खिलाड़ियों के लिए इन्टरनेशनल स्तर के कोचेस की भी व्यवस्था की जाएगी। श्रीनगर तथा जम्मू के स्टेडियम इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स के लिए इस वर्ष तैयार हो जाएंगे। जम्मू कश्मीर के युवा प्रतिभायें देश का प्रतिनिधित्व करें और वर्ल्ड चैम्पियन बनें, इसके लिए सिर्फ न्डोर स्टेडियम्स ही नहीं बल्कि सभी पंचायतों में प्लेफील्ड भी बनाये जा रहें है। हर दिन खेल तथा सभी के लिए खेल के संकल्प के साथ इस साल 17 नेशनल टूर्नामेंट आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। जम्मू कश्मीर के 17 लाख से ज्यादा युवा लड़के-लड़कियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर इस वर्ष प्रदान किए जाएंगे।

30.   हम कश्मीरी पंडित भाइयों की सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएमडीपी के तहत कश्मीरी प्रवासी सरकारी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवास एवं 6000 नौकरियों को पूरा करने की दिशा में हम अग्रसर हैं। 849 ट्रांजिट आवास का निर्माण पूरा हो गया है, 1376 आवास पर काम तेज गति से किया जा रहा है। 2744 अतिरिक्त फ्लैट्स के लिए 278 कनाल जमीन के ट्रांसफ़र को मंजूरी दी गई है। 3000 पदों की दूसरी किश्त में से 841 पोस्ट भर दिए गए थे। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हमने 997 पदों का रिजल्ट जारी कर दिया। सभी सफल कैंडीडेट्स को मैं बधाई देता हूँ।   1000 पदों का रिजल्ट भी वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करके एक महीने के अंदर नोटिफ़ाई कर दिया जाएगा।

31.     हमने एक दशक से लंबित JKAS अधिकारियों के सीनियारिटी डिसप्यूट को खत्म कर दिया। दशकों से JKAS एवं JKPS काडर के अफसर IAS तथा IPS में Induction का इंतजार कर रहें थे, वह इंतजार अब जाकर खत्म हुआ। जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से सरकारी नौकरियों की भर्तियाँ हो रही हैं। सिर्फ 6 महीने के अंदर पंचायत असिस्टेंट तथा क्लास 4th के 12,000 रिक्त पदों को भरने के लिए इग्जाम कंडक्ट किए गए, जो जम्मू कश्मीर के इतिहास में एक रिकार्ड है। वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करके उन पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेज गति से चल रही है।  

प्रशासन की आंतरिक क्षमता ही सुशासन की नींव होती है। गुड गवर्नेंस के द्वारा हमने यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी विभागों में उत्तरदायित्व और पारदर्शिता के नियमों का पालन हो। अवाम की आकांक्षाओं और शिकायतों से रूबरू होने के लिए सभी सीनियर अधिकारी विभिन्न माध्यमों से जनता से प्रतिदिन एक घंटे सीधा संवाद स्थापित करें।

75वें आजादी के जश्न में डूबे जम्मू कश्मीर को सफलता का पर्याय बनाना हमारा लक्ष्य है। जम्मू कश्मीर का अगला 25 वर्ष नई किरण, नए भविष्य का संकल्प लेकर हमारे सामने खड़ा है।

आज मैं इस उपलक्ष्य पर जम्मू कश्मीर की अवाम का आह्वाहन करना चाहता हूँआइए हम सब मिल करके एक नए जम्मू कश्मीर के निर्माण में भागीदार बनें। और उन लोगों को भी मैं कहना चाहता हूँ जो अभी भी शायद हवा का रूख नहीं पहचान रहें हैं। मैं उनसे विनम्रता पूर्वक आग्रह करना चाहता हूँ, कि अब एक अच्छे रास्ते पर जम्मू कश्मीर बढ़ रहा है। आप भी इसमें शामिल होइये। जो लोग इस रास्ते में अवरोध खड़ा करने की कोशिश करेंगे, मैं समझता हूँ उनको भी बदलाव के दस्तक को सुनने और उसके अनुसार अपने को अब ढालने की जरूरत है। हमें एक बेहतर जम्मू कश्मीर के लिए संघर्ष करना है, हमें यहाँ के हर एक नौजवान के सपनों को पूरा करने के लिए जूझना है, यहाँ अमन और तरक्की के लिए एकता की बंधी मुट्ठी से चुनौतियों का सामना करना है। मैं आपसे वादा करता हूँ, आपकी आकांक्षाओं और राष्ट्रीय हितों पर कभी आंच नहीं आने देंगे। आइए, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पंक्तियों के साथ जम्मू कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य की तरफ कदम बढ़ाएं--

आओ फिर से दिया जलाएँ,

भरी दुपहरी में अँधियारा

सूरज परछाई से हारा

अंतरतम का नेह निचोड़ें

बुझी हुई बाती सुलगाएँ,

आओ फिर से दिया जलाएँ।

हम पड़ाव को समझे मंज़िल

लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल

वर्त्तमान के मोहजाल में

आने वाला कल न भुलाएँ,

आओ फिर से दिया जलाएँ।

आहुति बाकी यज्ञ अधूरा

अपनों के विघ्नों ने घेरा

अंतिम जय का वज़्र बनाने

नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ,

आओ फिर से दिया जलाएँ।

जय हिन्द!

जय भारत!

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !